परामर्श

उन्हीं से पूछो जो ज्ञानी हैं;

ज्ञान के दो भाग एक से उत्तम हैं

सही निर्णय पर पहुंचने के लिए परामर्श पहली आवश्यकता है। बिना उचित चिंतन या सही परामर्श के लिया गया निर्णय किसी काम का नहीं होता। जो व्यक्ति केवल स्वयं पर निर्भर रहते हैं, दूसरों से संपर्क में नहीं रहते और उनकी राय के लिए अनिच्छुक रहते है, भले ही बहुत प्रतिभा संपन्न हों उन से उन लोगों की तुलना में बड़ी गलती होने का प्रतिभा संपन्न हों उन से उन लोगों की तुलनपा में बड़ी गलती होने का खतरा रहता है जो दूसरों को राय देते भी है। और उनकी राय लेते भी हैं।

अच्छे परिणाम प्राप्त करने की पहली शर्त है परामर्श। शुभचिंतको और मित्रों के विचारों और राय को सुनना, गल्तियों से बचने का एक मुख्य साधन है।

उचित तैयारी और परिणाम का विचार किए बिना किया कार्य थोड़ी उन्नति के अलावा करने वाले के लिए अपयश ही लाता है। जो लोग जोश या उत्तेजना में कोई कार्य शुरू करते हैं, फिर स्वयं के विचारों पर चलते हुए कार्य को आगे बढ़ाते है वे गलत मार्ग या मुश्किल समस्या में पड़ जाते हैं।

बुद्धिमान लोग जानते हैं कि किससे परामर्श लेना है और कैसे उनके विचारों से अधिक से अधिक लाभ उठाना है। ऐसे लोगों के साथ काम करने का अपना अलग आनंद है। अन्य लोग अपने ज्ञान और योग्यता को करने लेकर ऐसे असंवेदनशील, विचारहीन और स्वसंतुष्ट है कि दुसरों पर अपने विचार बलपूर्वक या डरा धमका कर थोपते हैं। ऐसे लोग सदा अपने सहकर्मियों के लिए असहनीय होते हैं।

किसी कार्य को प्रारंभ करने से पहले उसमें भागीदार अन्य लोगों से विचार विमर्श करें जिससे सबको अपने उत्तरदायित्व का ज्ञान हो। इससे अगर भविष्य में कुछ गलत होता है तो सीधे तौर पर जिम्मेदार व्यक्ति को दोषी माना जाएगा। जब तक होने वाले कार्य के संभावित परिणाम पर अनुभवी लोगों से पूर्व-विचार नहीं किया जाता तो उसका परिणाम दुख और पश्चाताप के अलावा कुछ नहीं होगा।

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