मार्ग की अनिवार्यताएं
सभी सांसारिक और पाशिविक इच्छाओं को छोड़ कर इस पवित्र कार्य को चुनना, जो सत्य प्रकट हो गया है उसके लिए उस सीमा तक दृढ़ निश्चय रहना कि उसके लिए सभी सांसारिकता से जुड़ी चीजों को बलिदान, सभी कठिनाईयों को सहन करना जिससे भावी पीढ़ी सुखी रह सके। सुख की खोज भौतिक या अध्यात्मिक सुख में नहीं बल्कि लोगों के सुख और समृद्धि में होना चाहिए; और दूसरों का कार्य कर देने की इच्छा होना चाहिए परंतु उनका पारिश्रमिक लेने की इच्छा नहीं होनी चाहिए- ये इस सत्य के मार्ग पर चलने की अनिवार्यताएं हैं।
जो इस मार्ग पर नेतृत्व करते हैं उन्हें अपने अनुयायियों के लिए अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। जैसे उनके गुण और अच्छी नीतियों का अनुकरण होता है वैसे ही उनके बुरे और अनुचित कार्य और विचार उनके अनुयायिसों पर अमिट छोड़ जाते हैं।
जो व्यक्ति सत्य के किसी भी चरण का प्रतिनिधत्व करता है उसे पूरी ईमानदारी, विश्वसनीयता, कर्तव्यों की अभिज्ञता, उच्च विचारों, परिस्थितियों का ज्ञान, दूरदृष्टि और पूर्ण पवित्रता के साथ उसे समावेशित करने की कोशिश करनी चाहिए। जो लोग उच्च पद पर रहते हुए भी इनमें से किसी गुण से वंचित है तो इसे गंभीर कमी माना जाना चाहिए। ये उनका अनुसरण करने वालों के लिए पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
- Created on .